(विष्णु चंंसौलिया की रिपोर्ट) 19/12/19 समय रहते वितरण किए जाएं कंबल व गर्म कपडा,प्रशासनिक स्तर से सार्वजनिक स्थान पर लगवाए जाएं अलाव
उरई ।हाड़ कंपा देने वाली ठंड से थरथराते लोगों को राहत देने के लिए जगह-जगह लगे अलाव लोगों का सहारा बने हुए हैं।
पिछले तीन दिन से संपूर्ण उत्तर भारत में हाड़ कपा देने वाली ठंड ने पशु पक्षियों तथा आम लोगों की दैनिक गति में अवरोध कर दिया है । प्रत्येक व्यक्ति सर्दी से कांपता हुआ यह कहने को मजबूर हुआ की बहुत ठंड है । इस भीषण ठंड से बचने के लिए साधन संपन्न लोग गर्म कपड़ों के साथ रूम हीटर का उपयोग कर अपना बचाव कर रहे हैं वहीं आम सामान्य नागरिक जगह-जगह नई पुरानी लकड़ी तलाश कर जताते हुए अलाव जलाकर आग से तापने को मजबूर हुआ है । भीषण ठंड में पालतू पशुओं के लिए तो कुछ इंतजाम किए जाते हैं लेकिन आवारा बेसहारा घूम रही गायों की हालत बहुत दयनीय है। भूख से बिलबिलाती गायें एवं उनके बच्चों को कांपते हुए देखकर अनायास उनके प्रति करुणा का भाव जागृत हो जाता है।
गरीबो को बांटे जाएं गर्म कपड़े व कंबल प्रतिवर्ष शीतकाल में गरीब बेसहारा तथा भिखारियों को कंबल एवं गर्म कपड़े बांटे जाने से उन्हें राहत मिल जाती है लेकिन यह पुण्य कार्य जनवरी के अंतिम सप्ताह से फरवरी मार्च एवं अप्रैल तक चलता रहता है जिसका उपयोग गरीबों को सर्दी से बचाने के स्थान पर प्रभावशाली लोगों की तुष्टिकरण के रूप में अधिक होता है अतः प्रशासन गरीबों को कंबल एवं गर्म कपड़े वितरण का कार्य 31 दिसंबर तक पूरा कर ले तो इसकी सार्थकता होगी।
अलाव लगवाए जाएं जिला प्रशासन अपने अधीनस्थों एवं नगर पालिका, नगर पंचायत, ग्राम पंचायतों को निर्देशित करें कि चौराहों एवं आम सार्वजनिक स्थानों पर अलाव लगाए जाएं जहां लोग सुबह शाम एकत्रित होकर भीषण शीतलहर से अपना बचाव कर सकें।
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