उरई। 30/22/19 आज सिमरिया गुड़ा में बनी अस्थायी गौशाला में भूख और ठण्ड के कारण गौवंशो का बुरा हाल है। भूख और ठण्ड की वजह से दो तीन गौवंशो ने तड़प तड़प कर अपनी जान दे दी। दो दिनों तक आवारा कुत्ते गौवंशो के शवो को नोच नोच कर खाते रहे। लिकिन किसी ने भी सुध नही ली। सदर तहसील के सिमरिया गुड़ा में बनी अस्थायी गौशाला का बुरा हल है। गौशाला में बंद जानवर ठण्ड और भूख के कारण दम तोड़ रहे है। गौशाला में न तो खाने की सही व्यवस्था है। और न ही ठण्ड से बचाव के लिए किये उपाय किये गये। इतनी बड़ी खामी को नजर अंदाज करते हुए शासन के आदेश को पलीता लगाया जा रहा है। ग्रामीणों के अनुसार ग्राम प्रधान बालू खनन के काम में व्यस्त रहते है। और ग्राम सचिव इंद्रपाल कभी कभार गाँव पहुचते है।
एसे में सवाल यह है की फिर किसके सहारे गौवंशो की सुरक्षा हो पायेगी। क्या केवल सरकारी धन पाने की लालशा में ही गोशाला खोली गयी है? शासन गौवंशो की सुरक्षा को लेकर करोडो रूपये खर्च कर कई तरह के प्रयास कर रही है। लेकिन धरातल पर स्थिति ज्यादातर गोशालाओ की जस की तस है। हाल ही में विगत दो दिन पूर्व गुडा सिमिरिया में बनी अस्थाई गोशाला में भूख और ठण्ड के कारण दो तीन गौवंशो ने तड़प तड़प कर अपनी जान दे दे। लेकिन किसी ने भी उनकी सुध नही ली। आवारा कुत्तो ने उन्हें आधा से ज्यादा भाग अपने भोजन में इस्तेमाल कर किया। तब दुर्गन्ध आने पर ग्रामीणों ने इसकी सुचना ग्राम सचिव को दी। जिसपर मौके की नजाकत को देखते हुए डकोर थाना प्रभारी वी एल यादव, के साथ ग्राम सचिव गाँव में पहुचे। और मृत पड़े गोवंशो को जमीन में दफनाया। अगर गुडा सिमिरिया गौशाला का यही हाल रहा तो और भी गौवंश जो भूख और ठण्ड के कारण कमजोर हो गए है वो भी मौत के आगोश में समां जायेगे।
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