(विष्णु चंसौलिया की रिपोर्ट) 21-01-2020 उरई। कस्बे में बस स्टैण्ड के समीप क्राइम 24 न्यूज चैनल के कार्यालय का शुभारंभ अपर पुलिस अधीक्षक डा. अवधेश कुमार सिंह, पत्रकार केपी सिंह और अखिलेश प्रजापति ने संयुक्त रूप से किया। बाद में पत्रकारिता पर एक गोष्ठी सामने सरकारी स्कूल में हुई। कोटरा के दिग्गज पत्रकारों को कार्यक्रम में सम्मानित भी किया गया। गोष्ठी का संचालन वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश उदैनिया ने किया। कार्यक्रम संयोजक उमाशंकर अहिरवार और मसूद अहमद ने आभार जताया।
गोष्ठी को संबोधित करते हुए अपर पुलिस अधीक्षक ने कहा कि समस्याओं और जिम्मेदारियों से ही समाज संचालित रहता है। उन्होंने परिस्थिति के अनुसार विवेक दिखाने और फैसला लेने की जरूरत बताई। मीडिया को आज के समय समाज का महत्वपूर्ण स्तंभ बताते हुए कहा कि मीडियाकर्मी अभिनंदनीय हैं।
पत्रकार केपी सिंह ने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि तथागत बुद्ध ने कहा था कि संसार क्षण-क्षण परिवर्तनशील है। इसे सत्य मानते हुए समझना चाहिए कि जो कल था वह आज नही है और जो आज है वह कल नही होगा। पर सृष्टि का यह क्रम प्रगतिवादी है जिसके कारण हर नया युग पिछले से बदतर नहीं बेहतर होता है। उन्होंने कहा कि लोग आज कहते हैं कि भ्रष्टाचार आज बहुत बढ़ गया लेकिन ऐसा नही है। आजादी के समय और तत्काल बाद कई दशक तक देश में आम लोग नंगे-भूखे बने रहे जबकि संपदा की कोई कमी नही थी। जमीन के नीचे गाड़ कर सोना रखा गया था। जहां भी पुरानी बस्ती में नया मकान बनाने के लिए खुदाई की जाती थी सोना निकल आता था। इसी संपदा के बाहर आ जाने से आज देश की 80 प्रतिशत जनता रोटी, कपड़ा जैसी आवश्यकताओं से संतृप्त है। इसे देखते हुए यह कैसे माना जा सकता है कि भ्रष्टाचार बढ़ा है। असली भ्रष्टाचार तब था जब लोगों को रोटी तक नसीब नही थी।
उन्होंने कहा कि लोग कहते हैं कि पहले की पुलिस बहुत अच्छी थी, नेता बहुत अच्छे थे और पत्रकार बहुत अच्छे थे आज सब बिगड़ गये हैं। पर ऐसा नही है। आज जिम्मेदारियों का दायरा हर वर्ग के लिए बढ़ा है। पहले पत्रकारिता एकांगी थी। केवल राजनीति और अपराध की सूचनाएं और लेख ही पत्रकारों को लिखने पड़ते थे आज के पत्रकार बहुआयामी दायित्व निभा रहे हैं। उन्हें हर विभाग के कार्यों के बारे में गहराई से लिखना पड़ रहा है। खबरें ज्यादा सामाजिक सरोकारों से जुड़ी हुईं हैं। जमीनी स्तर पर वे वनकुसुम जो पर्यावरण संरक्षण, जल संरक्षण, लोगों को शिक्षित करने आदि की भूमिका मूकसाधक बने रहकर निभा रहे हैं उनकी खुशबू को समाज की मुख्य धारा में फैलाने का काम आज की मीडिया पहले से बहुत ज्यादा कर रही है।
उन्होंने कहा कि पहले प्रमुख अखबारों में केवल सत्ता के गलियारों की खबरे छपती थीं। आज जिलों और देहातों को भी मुख्य पृष्ठ से लेकर इलैक्ट्रानिक मीडिया की सुर्खियों तक में स्थान मिल रहा है। मीडियाकर्मी इस धारणा को अंकुश में रख रहे हैं कि समाज में सब कुछ बुरा हो रहा है। जमीनी स्तर के रोल माडलों की कहानी सामने लाकर वे नकारात्मक भावनाओं का अंत कर रहे हैं। जिससे समाज के प्रति लोगों की आस्था और विश्वास जुड़ा रह पायेगा। यह बहुत बड़ा काम है जिसके लिए आज के पत्रकारों को साधुवाद दिया जाना चाहिए।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें