(विष्णु चंसौलिया की रिपोर्ट) 21/01/2920 उरई।कुठौन्द क्षेत्र के मालपुर में त्रिपुरी आश्रम में चल रहे 71वे यज्ञ में चल रही भागवत कथा में कथा वाचक आचार्य ओमप्रकाश महाराज ने मंगलवार को सुदामा चरित्र सुनाकर श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया। ओमप्रकाश महाराज ने कथा सुनाते हुए कहा कि गुरु के साथ कपट और मित्र के संग चोरी नही करनी चाहिए और यदि कोई एसा करता है तो करने वाला दरिद्र हो जाता है और उसे कुष्ठ रोग हो जाता है। आश्रम में शिक्षा ग्रहण करने के दौरान सुदामा ने अपने मित्र कृष्ण की नजर बचाकर गुरु के दिए चने अकेले ही खा लिए जिस कारण वह दरिद्रता को प्राप्त हुए। सुदामा ने एक दिन पत्नी को अपनी और भगवान कृष्ण की दोस्ती के बारे में बताया तो सुदामा की पत्नी ने उन्हें कृष्ण जी के पास जाकर जीवन निर्वाह के लिए कुछ धन लाने को कहा। द्वारिकापुरी में भगवान कृष्ण ने बचपन के मित्र सुदामा की खूब खातिरदारी की और सुदामा के प्रेम में मगन होकर आंसुओं से उनके पैर धो डाले। इसके बाद भगवान ने सुदामा को अलौकिक वरदान देकर घर भेजा सत्तर साल से निरंतर हो रहा यज्ञ बहुत ही विशाल एवं भव्य होता आ रहा है ।
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