(विष्णु चंसौलिया की रिपोर्ट) 18-01-2020 उरई। बाजार में किसी भी प्रकार के शासन आदेश को कितनी मानता मिलती है यह बखूबी देखा जा सकता है और उनका कितना मजाक बनाया जाता है यह थोपे गए शासनादेश को भी हवा में उड़ता देखा जा सकता है। हाल ही में पॉलिथीन को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद हरकत में आए प्रशासन ने इसके खिलाफ एक बड़ी मुहिम चलाई थी जो कि अब धूमिल सी होती जा रही है। और बाजार में स्थापित प्रतिष्ठानों ठिलियों पर मेडिकल की दुकानों में अर्थात सभी जगह इन जहरीले पॉलिथीनों का बेधड़क उपयोग में लाया जा रहा है। यह स्थिति न केवल उरई शहर में ही बनी है बल्कि संपूर्ण जिले में इस आदेश की बखेलियाँ उधेड़ी जा रही है। क्योंकि पैमाना में मार्केट में बेधड़क पॉलिथीन बिक रही हैं व इन्हीं पॉलिथीन में एक बार फिर से खाद्य पदार्थ व अन्य सामान वगैरा पैक होकर बिकना शुरू हो गया है। प्रशासन भी किसी बड़े त्यौहार की तरह जोश में आकर कुछ दिन की तो कार्रवाई करती है उसके बाद मानो उसने बहुत बड़ा कार्य कर लिया हो और खामोशी के साथ कहीं गुम हो जाते हैं। आखिर गलती किसकी है पॉलिथीन बनाने वालों की या उन पर रखें हाथों की जो इन हानिकारक पॉलिथीनों को मार्केट में चलाने के लिए अपना आशीर्वाद बनाए रखें है। एक छोटा सा लालच एक बड़े से भौगोलिक वातावरण को पूर्णता प्रभावित करने में तुला है ऐसे में स्वच्छ भारत की कल्पना आज भी किसी सपनों से कम नहीं है।
शनिवार, 18 जनवरी 2020
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