(विष्णु चंसौलिया की रिपोर्ट) 13/01/2020 उरई ।विकाश खन्ड कुठौन्द में सहकारी सिमित कुठौन्द मे यूरिया खाद को लेकर किसानो में मारा मारी पढी है हालात बद से बदतर हो गये है । एक तो पहले से अन्ना जानवर व गोवशं से पीडित किसान चोबीस घंटे खेत पर रखवाली कर रहा है एक दिन भी अगर वह कही चला जाये तो जानवर उसकी सालो की मेहनत को दिन भर मे उजाढ देगें ।
खाद को लेकर किसान बहुत परेशानी मे है ।अधार कार्ड लेकर लाईन में दिन भर खडा रहे तब कही शाम तक उसको दो बोरी यूरिया मिल पाती है वो भी अगर खाद समाप्त हो जाये तो खाली हाथ बेचारा किसान घर वापिस आ जाता है ।और जब तक दुबारा खाद एक दो हप्ते मे वापिस आती है तब तक खेत सूख जाता है और दुबारा पानी का समय आ जाता है ।
गेहू बिना खाद के पीला हो जाता है ग्रोथ नही करता और पैदावार का हो जाती है ।अगर कोई किसान प्राईवेट दुकान पर खाद लेने जाता है तो उसे प्रति बोरी पचास रुपये अधिक देने पडते है।सोसायटी मे खाद यूरिया प्रति बोरी दौ सौ सत्तर रुपये है बही प्राईवेट दुकान पर तीन सौ बीस रुपये की है ।सरकार खाद वितरण नीत सही न होने पर खाद जरूरत से कम आने के कारण किसानो को भारी परेशानी का सामना करना पड रहा है।
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