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शनिवार, 11 जनवरी 2020

बरबन रजबहा में शारदा नदी के पानी का कहर#Public Statement


(राजन बाजपेई की रिपोर्ट) 11-01-2020 सिंचाई विभाग की मनमानी से रबी व आलू किसानों की बर्बादी तय, पाली (हरदोई) जनपद शाहजहांपुर से जनपद हरदोई के किसानों को हमेशा अपने पानी से जीवकोपार्जन में सहयोग करने वाली शारदा नहर का नहर विभाग की लापरवाही से इस बार रौद्र रूप देखकर क्षेत्र के किसानों की तबाही मचाने का कार्य किया। अचानक आए बाढ़ रूपी पानी से खेरिया, बाबरपुर, पचदेवरा समेत लगभग एक दर्जन गांवों की मुख्य खड़ी रबी व आलू फसल उत्पादकों के किसानों पर कहर टूटा है।जो बेचारे भयभीत होकर कर्ज चुकाने की चिंता में मरे जा रहे हैं।


दरअसल दशकों से सूखी पड़ी इलाके की बरबन रजवाहा नहर मे बगैर साफ सफाई और पूर्व तैयारी के ही छोड़े गए पानी से खेतों में तबाही मचाई गई है। बर्बाद होने के बाद सिसकियों के साथ रुंधी आवाज़ से किसानों का आरोप है कि भरखनी ब्लॉक की एकमात्र शारदा बरबन रजवाहा नहर दशकों से सूखी पड़ी होने की वजह से नहर में उगी बड़ी-बड़ी झाड़ियों समेत कहीं-कहीं पूरी तरह से टूट कर नष्ट नाबूद हो चुकी नहर पटरियों को दुरुस्त किए बगैर ही सिंचाई विभाग द्वारा नहर में पानी छोड़े जाने से  किसानों द्वारा हाड़तोड़ मेहनत कर एक बडे  क्षेत्रफल में तैयार की गई आलू सरसों गेहूं आदि की फसलें पूरी तरह से जलमग्न होने से किसानों पूरी तरह बर्बाद हो गया है।

जिसके लिए किसान सीधे तौर पर सिंचाई विभाग से लेकर उच्च अधिकारियों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए दोषी ठहरा रहे हैं उनका कहना है कि करीब 40 वर्षों से सूखी पड़ी शारदा नहर खंड की बरबन रजवाहा नहर की यदि सिंचाई विभाग द्वारा पहले से ही नहर की विधिवत साफ सफाई से लेकर  नहर पटरियों के दुरुस्ती करण का कार्य  पहले ही कराने के बाद पानी छोड़ा गया होता तो उनकी  यह  बर्बादी  न  होती।

क्षेत्र के   बाबरपुर निवासी उमेश पुत्र हरिनारायण चमन पुत्र शंकर नाथ बुद्धा पुत्र छोटे राजेश पुत्र श्रीकांत राम मोहन पुत्र कल्लू लक्ष्मीकांत पुत्र कल्लू मेघपुर गांव निवासी धनीराम पुत्री जगमोहन संतराम पुत्र हीरालाल रामरतन पुत्र डगरे आदि किसानों का कहना है कि यदि नहर विभाग के अफसर  झाड़ियों से पटी पड़ी नहर और खस्ताहाल पड़ी पटरियों को दुरुस्त करा कर थोड़ा पहले पानी छोड़ा गया होता तो हम लोग महंगी सिंचाई की मार से तो कम से कम बच जाते नहर में आधी अधूरी तैयारी के साथ छोड़ा गया पानी से अब बर्बाद किसानों के सामने सरकारी से लेकर साहूकारों के कर्ज को चुकाने की चिंता ज्यादा है।जो उनके साथ कैसा सलूक करेंगे उनसे कैसे निपटेंगें किसान।। 

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