(विष्णु चंसौलिया की रिपोर्ट) 03/02/2020 उरई।आजादी के बाद से कई बार चुनाव बहिष्कार करने के बाद दो साल पहले मिली बिजली,लेकिन सड़क के लिए आज भी उच्चाधिकारियों के रहमो-करम की है दरकार।
बरसात में बीमार होने पर चारपाई पर लाद कर ले जाते हैं मरीज़,स्कूली बच्चों का भी उभरकर सामने आया दर्द,सड़क न होने पर कीचड़ में घुस कर जाते हैं पढ़ने।
दो गांवों से पहुंच सकते हैं गांव लेकिन दोनों ओर से नहीं है पक्की सड़क, दो सौ के करीब आबादी वाला गांव आज़ भी विकास कार्यों से है अछूता।
एक ओर जहां सरकार प्रदेश के सबसे निचले स्तर तक विकास कार्यों के क्रियान्वयन में लगी है तो वहीं दूसरी ओर कुछ लोगो की उपेक्षा के कारण नहीं हो रहा है कोई विकास।
मामला जनपद के गोहन थाना क्षेत्र के ग्राम रैपुरा का।
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