राजन वाजपेई
*पाली हरदोई* - रविवार की सुबह हुई बरसात और ओलावृष्टि से किसानों की बर्बाद हुई. फसल को सुबह जब किसानों ने अपने खेत पर जाकर देखा तो उनके चेहरे मुरझाए हुए थे . ग्रामीण किसानों का कहना है कि यह बरसात नहीं आफत की बारिश है और किसानों की रोजी रोटी तथा परिवार का भरण पोषण करने का संकट सामने खड़ा हो गया है. मौसम ने इस बार अपने तेवर इस तरह किसानों पर दिखाए हैं की लगातार आफत की बारिश करके फसल को पहले ही चौपट कर दिया था ,बची खुची कसर थी वह रविवार की सुबह को पूरा कर दिया. गेहू, सरसों, चना आदि फसलों को आसमान से हुई ओलो की बरसात ने नष्ट कर दिया है पहले सरकार के द्वारा किसानों की फसल की बर्बादी का सर्वे कराकर मुआवजा दिलवाए जाने की बात कही थी लेकिन उसका सर्वे अभी तक नहीं हो पाया था. किसान अब राजस्व विभाग के कर्मचारियों से यह आस लगाए बैठे हैं कि पटवारी के द्वारा किसानों की बर्बाद फसल का मुआवजा मिलेगा या फिर यह कहने भरे का होगा या फिर कागजों पर ही मुआवजा वितरण कर दिया जाएगा. यह आने वाला समय बताएगा कि शासन प्रशासन के द्वारा किसानों को क्या राहत दी जाती है. जिसका सभी को इंतजार है
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