दिनाँक - 14/04/2020
पब्लिक स्टेटमेंट न्यूज से आकाश सविता की रिपोर्ट
कोरोनावायरस को मात देने के लिए मंगलवार को प्रधानमंत्री ने लॉकडाउन 2.0 (दूसरा चरण) का ऐलान किया। इस वैश्विक बीमारी को हराने के लिए तमाम कोरोना वॉरियर्स भी हैं, जो अपने दायित्वों व फर्ज निभा रहे हैं। उन लोगों ने अपनी निजी खुशियों पर भी लॉकडाउन कर दिया है। ऐसा ही एक मामला इटावा जिले का है। यहां एक सिपाही बीते 12 दिनों से अपनी नवजात बेटी की तस्वीर देखकर अपना मन बहला रहा है। सिपाही ने कहा- अब 3 मई का बेसब्री से इंतजार है। लॉकडाउन हटने के बाद बेटी को गोद में उठाऊंगा।
इटावा जिले में नौरंगाबाद चौकी पर एटा के रहने वाले सिपाही रमाकांत की तैनाती है। रमाकांत की पत्नी परिवार के साथ रहती है। पत्नी ने बीते 2 अप्रैल को बेटी को जन्म दिया। इस खुशी के पल में रमाकांत को पत्नी के साथ रहना था। शायद पत्नी को भी अपने पति की जरुरत थी। लेकिन रमाकांत ने अपनी निजी खुशी पर लॉकडाउन लगाते हुए फर्ज का निवर्हन कर रहे हैं। घर वालों ने जब बताया कि, उनके घर नन्ही परी आई तो सिपाही के खुशी का ठिकाना नहीं रहा। परिवार ने बेटी का नाम हिमांशी रखा है।
परिवार ने रमाकांत को बिटिया की पहली तस्वीर भेजी है। जब समय मिलता है तो वे अपनी बेटी की तस्वीर को निहारने लगते हैं। तस्वीर को छूकर बेटी के छुअन का एहसास करते हैं। रमाकांत ने पत्नी से वादा किया था कि, जब 14 अप्रैल को लॉकडाउन खत्म होगा तो जरूर घर आएंगे। लेकिन प्रधानमंत्री ने लॉकडाउन की अवधि को तीन मई तक बढ़ा दिया है। रमाकांत को इस बात का अफसोस नहीं है। उन्होंने कहा- अब तीन मई के बाद घर जाकर बिटिया को गले लगाऊंगा। अब वे फोन पर ही बेटी व परिवार का हालाचाल लेकर तीन मई के आने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
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