पाली, हरदोई । जलस्तर कम होने की वजह से एक सकरे नाले में तब्दील हो चुकी गर्रा नदी में मगरमच्छों के आ जाने से स्थानीय ग्रामीणों में दहशत है। गर्रा के तटवर्ती गांवों के ग्रामीणों की माने तो यह मगरमच्छ गर्रा के तट पर लगातार देख जा रहे हैं। जिससे ग्रामीण अपने बच्चों और जानवरों को लेकर भयभीत हैं। मामले की जानकारी वन विभाग को देने की बात कही जा रही है।
पाली नगर के समीप बह रही वरुण गंगा यानी गर्रा नदी अब जलस्तर कम होने की वजह से सकरे नाले में तब्दील हो चुकी है। हालांकि लॉकडाउन के बाद जलस्तर में कुछ वृद्धि हुई है, और इसी बीच गर्रा के तटवर्ती गांव बाबरपुर के ग्रामीणों ने नदी में कुछ मगरमच्छों को देखा। ग्रामीण चंदन दीक्षित ने बताया कि उनके गांव के पास गर्रा के तट पर अलग-अलग चार मगरमच्छ देखे गए हैं। ग्रामीणों ने इनकी तस्वीर भी ली है। यहां के ग्रामीणों की माने तो इस समय खेतों में गेहूं की फसल की कटाई चल रही है। इसलिए ग्रामीण अपने पशुओं को चराने के लिए बच्चों को भेज देते हैं। इन ग्रामीणों को आशंका है कि पशुओं को चराते समय उनके बच्चे कभी कभार अपने पशुओं को पानी पिलाने के लिए गर्रा नदी के किनारे भी पहुंच जाते हैं। लेकिन यहां के ग्रामीण मगरमच्छ के देखे जाने के बाद अपने पशुओं और बच्चों को लेकर भयभीत हैं। बाबरपुर के एक अन्य ग्रामीणों ने बताया कि गांव के पास नदी के तट पर दो मगरमच्छ देखे गए हैं, और दो मगरमच्छ मढ़िया कुआं धार्मिक स्थल के पास गर्रा के तट पर देखे गए हैं ।फिलहाल यह ग्रामीण वन विभाग से संपर्क करने का प्रयास कर रहे थे। ताकि इन मगरमच्छों को यहां से हटाया जा सके। इस सम्बंध में जब शाहाबाद के बनकर्मी से सम्पर्क करने का प्रयास किया गया तो उनका फोन रिसीव नहीं हुआ।
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