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बुधवार, 27 मई 2020

जल संस्थान की 47 बर्ष पूर्व की व्यवस्था लडखडाई ग्रामीण बूंद-बूंद पानी को मोहताज

पब्लिक स्टेटमेंट के लिए विष्णु चंसौलिया की रिपोर्ट।

 उरई।जालौन । जल संस्थान द्वारा आज से 47 वर्ष पूर्व स्थापित व्यवस्था जनसंख्या एवं मांग के सापेक्ष न रह पाने के कारण  ग्रामीण क्षेत्र में पेयजल व्यवस्था चरमरा गई है और ग्रामीण बूंद-बूंद पानी को मोहताज हो रहे हैं ।
     रामपुरा क्षेत्र अंतर्गत बड़ी आबादी का ग्राम जगम्मनपुर अब बढ़ती गर्मी एवं तपन के साथ-साथ साथ बूंद-बूंद पानी को तरसने लगा है। जगम्मनपुर की 70% आबादी क्षेत्र में जल संस्थान के नलों से पानी के स्थान पर हवा निकलती है और ग्रामीण पानी के खाली बर्तन लिए हुए हैंडपंपों पर भारी भीड़ के साथ एकत्रित होकर अपना नंबर आने पर पानी भरने को मजबूर हैं ।
ज्ञात हो कि जगम्मनपुर में वर्ष 1972-73 में जल संस्थान के द्वारा दो नलकूपों की 14-14 इंची बोरिंग हुई थी जिसमें उस समय 30 एचपी की दो अलग-अलग समरसेबल पानी की पर्याप्त सप्लाई करते थे । एक दो वर्ष में पानी की टंकी का भी निर्माण हो गया तथा गांव की अनेक गलियों में एक से 3 इंची तक की पाइपलाइन विछवाई गई। उस समय गांव में लगभग 180 से 200 कनेक्शन थे जिसमें पर्याप्त पानी मिलता था शेष ग्रामीण कुआं से पानी भरते थे । समय के साथ-साथ गांव की आबादी बढ़ी और कनेक्शनों की संख्या की बढ़कर 5 गुनी अर्थात 900 से 1000 तक हो गई , नलों में पानी की किल्लत बढ़ी तो एक दो तीन इंची पाइप लाइनों के स्थान पर पूरे गांव में 4 इंची पाइप लाइन बिछाई गई , जिन गली मुहल्लों में पाइप लाइन नहीं थी वहां भी पाइप डलवाए गए लेकिन आज से 47 वर्ष पूर्व जो मेन लाइन सीमेंट के पाइपों की थी वह जर्जर होकर जगह-जगह क्षतिग्रस्त होती रहती है जिससे निरन्तर पानी लीकेज होता रहता है। एक पंप (ट्यूबवेल) जिसमें 30 एचपी की समरसेबल थी वह बोर बैठ गया उसके बदले दस इंची नई बोरिंग हुई  और उसमें 20 एचपी की मोटर लोअर की गई। जल संस्थान के अधिकारियों का ग्रामीणों के साथ क्रूरतम मजाक  तो यह है कि जब जगम्मनपुर में 5 गुना कनेक्शन बड़े तो पानी की सप्लाई की व्यवस्था कम होती गई जबकि होना यह चाहिए था कि पडोसी नगर रामपुरा की तर्ज पर यहां भी दो ट्यूबवेल से बढाकर 4 ट्यूबवेल तथा एक टंकी के बाद जरूरत के अनुरूप पानी की एक और टंकियां बनवाई जाती किंतु दुर्भाग्य ग्राम जगम्मनपुर के ग्रामीणों का है की व्यवस्था बढ़ने के बजाय घटा दी गई और ग्रामीण नलों से निकलती हवा पर कान लगाकर पानी की गड़गड़ाहट सुनने की आशा में अपना समय बर्बाद करते रहते हैं।
उक्त संदर्भ में सहायक अभियंता श्याम बहादुर बर्मा से पूछने पर उन्होंने बताया कि जगम्मनपुर में दो अतिरिक्त नलकूप पंप बोरिंग का प्रस्ताव गया है लेकिन विभाग के पास धनाभाव होने के कारण अभी तक मंजूरी नहीं मिली है। उन्होंने बताया कि विभाग मेंटेनेंस का भी पैसा नहीं देता है किसी तरह जुगाड़-तुगाड़ लगाकर काम चलाया जा रहा है । अर्थाभाव के कारण संविदा पर काम कर रहे नलकूप ऑपरेटरों को भी 7 माह से वेतन नहीं मिल पाया है। उन्होंने बताया कि पानी की टंकी का स्विस बाल लीक है जिस कारण शाम को भरी हुई टंकी सुबह तक 50% स्वतः खाली हो जाती है ।

मुख्य समस्या वोल्टेज की

 वर्तमान में कम वोल्टेज भी जल सप्लाई में बाधा बने हुए हैं । किसी नलकूप की मोटर को चलने के लिए 440 बोल्ट चाहिए उसके सापेक्ष 300 से 350 वोल्टेज मिलने से भी समरसेबल पर्याप्त पानी नहीं दे पा रहे हैं ।

जिलाधिकारी से मिलेगा प्रतिनिधिमंडल

 भाजपा मंडल महामंत्री विजय द्विवेदी ने बताया कि पेयजल संकट से निजात दिलाने के लिए जल संस्थान अधिकारियों की लापरवाही की शिकायत करने तथा उचित व्यवस्था बनाने हेतु एक प्रतिनिधिमंडल शीघ्र जिलाधिकारी जालौन से मुलाकात कर ज्ञापन देगा।

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