दिग्विजय सिंह की रिपोर्ट
कानपुर. सावन का महीना चल रहा है गंगा तट पर रोज़ काफी श्रद्धालु उमड़ते हैं। कानपुर के प्रमुख घाट सरसैया घाट पर शहर और गांव देहात के लोगों का आना लगा रहता है। लेकिन यहां चलने वाली स्टीमर बोट आस्था के नाम पर श्रद्धालुओं को कोरोना संक्रमण के खतरे में डाल रही है। बोट में श्रद्धालुओं को भूसे की तरह भरकर गंगा के इस पार से उस पार ले जाया जा रहा है जिससे उनके संक्रमित होने का खतरा कई गुना बढ जाता है।
बताते चलें कि सरसैया घाट के उस पार विराजते हैं बाबा नितेश्वर, भूतेश्वर और कंटापेश्वर। यहां पर बालू से शिवलिंग बनाई जाती है और उसका भव्य श्रृंगार होता है। यहां की मान्यता है कि गंगा में चाहे जितना जल बढ जाये पर बाबा जहां विराजमान होते हैं वहां पर जल नहीं आता है। इसी श्रद्धा का फायदा उठाता है माजिद खान नाम का ठेकेदार। ये अपने को एक मंत्री का रिश्तेदार बताता है। जाजमऊ से गंगा बैराज तक सफाई का ठेका इसी के नाम है। मजिद खान यहां पर अवैध रूप से स्टीमर बोट चलवा रहा है। बगैर करोना की चिन्ता किये बोट में 30 से 40 आदमी भूसे की तरह भरकर गंगा के इस पार से उस पार ले जाया जाता है और प्रति आदमी ₹50 वसूला जाता है। इसको महामारी का भी रत्ती भर डर नहीं है।
स्थानीय नाविकों का कहना है कि हम लोग अपनी नाव में क्षमता से काफी कम 7 से 8 आदमी बैठा कर इस पार से उस पार छोड़ते हैं कि जिसमें करोना जैसी बीमारी किसी को ना होये, लेकिन जब से यह स्टीमर यहां पर चलने लगा है तो हम लोगों को भी भय होता है कि कहीं ऐसा ना हो कि करोना महामारी से भक्तों को नुकसान हो जाये।
नाम न छापने की शर्त पर नाव वालों ने बताया कि गंगा तट पर ना तो सफाई होती है और ना ही कोई कर्मचारी रहता है। यहां तक सफाई मशीन भी सफेद हाथी के तरीके खड़ी रहती है। गंगा में सफाई के नाम पर सिर्फ औपचारिकताएं पूरी की जाती हैं। ठेकेदार मजिद ने गंगा को अपनी जागीर समझ रखा है उसके खिलाफ कोई बोल नहीं सकता। हालत ये हैं कि हम लोगों की भूखे मरने की नौबत आ गई है। सूत्रों के मुताबिक मंत्री का कथित रिश्तेदार होने का पूरा फायदा माजिद खान उठा रहा है और नियमों को ताक पर रख कर उसके द्वारा मनमर्जी का कार्य व्यवहार यहां किया जा रहा है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें