आकाश कविता की रिपोर्ट
कानपुर. भारत सहित दुनिया के ज्यादातर हिस्सों में जुआ/सट्टा एक प्राचीन और आम मनोरंजन का साधन रहा है। हालांकि कुछ जुआरी अपनी इस आदत पर नियंत्रण खो देते हैं, इतना ज्यादा कि यह व्यवहार उनके पूरे जीवन पर हावी हो जाता है। कुछ ऐसे ही हालात इन दिनों रायपुरवा इलाके में हो गये प्रतीत होते हैं। यहां जिम्मेदारों द्वारा कोई उल्लेखनीय कार्यवाही न किये जाने के कारण यहां जुआड़खाने बदस्तूर जारी हैं।
बताते चलें कि कोरोना काल और लॉकडाउन के दौरान भी कानपुर शहर में प्रतिदिन लाखों रुपये का जुआ खेला जा रहा है। एक दर्जन से अधिक स्थान जुए के अड्डे के रूप में अपनी स्थायी पहचान बना चुके हैं। जुए के इन अड्डों में से कई रिहाइशी इलाके में हैं, जहां जुआरियों की रात-दिन की धमाचौकड़ी से आसपास का जनजीवन प्रभावित हो रहा है। स्थानीय लोगों द्वारा वरिष्ठ अधिकारियों को इसकी सूचना कई बार दी गई, पर अवैध कारोबार के खिलाफ कोई उल्लेखनीय कार्रवाई नहीं की गई।
बताते चलें कि यदि वरिष्ठ अधिकारियों के दबाव में कार्यवाही की भी गई तो स्थानीय स्तर पर लिखापढी करने में खेल कर दिया गया और इसी ढिलाई का फायदा उठाते हुये जिले में तमाम स्थानों पर जुआड़खाने अभी भी बेखौफ जारी हैं। नाम न छापने की शर्त पर कुछ भरोसेमन्द सूत्रों ने बताया कि लिखापढ़ी करते समय गिरफ्तारी का स्थान परिवर्तित करके दर्ज किया जाता है, जिससे जुआरियों के पक्के ठीये को नुकसान न पहुंचे और कार्यवाही का दिखावा भी हो जाये। सूत्र बताते हैं कि लक्ष्मी पुरवा, अफीम कोठी, रायपुरवा, तलौवा, बांसमंडी आदि स्थानों में सट्टे का व्यापार जोरों पर चल रहा है.
सूत्रों के अनुसार सट्टा माफियाओं को किसी का खौफ नहीं है क्योंकि उनकी सेटिंग तगड़ी है। यहां अभी भी जुआ/ सट्टा खिलाया जा रहा है बस कार्यप्रणाली बदल गयी है। यहां सबसे पहला सट्टा कोसपी पर लगाया जाता है जो सुबह 11 बज कर 30 मिनट पर खुलता है। दूसरा गेम हेनसेक्स पर खेला जाता है जिसके खुलने का टाइम दोपहर 02 बजे का है। तीसरा सट्टा सेंसेक्स पर लगता है जो शाम 04 बजे खुलता है। चौथा दांव डैश पर लगता है जो रात 10:00 बजे खुलता है। पांचवा सट्टा डी जॉन पर लगाया जाता है जो रात्रि 02 बजे खोला जाता है। इन सब खेलों में डबल नंबर लगाने पर ₹10 के ₹800 और सिंगल नंबर लगाने पर ₹10 के ₹90 मिलते हैं।
सूत्रों की माने तो कानपुर के रायपुरवा क्षेत्र में जुए के बेलगाम खेल ने आम लोगों को परेशान कर दिया है। अलग-अलग हिस्सों में दिन-दहाड़े हो रहे जुए के खेल ने न सिर्फ पुलिस प्रशासन को चुनौती दे रखी है बल्कि आम लोगों का रहना भी मुश्किल कर दिया है। आरोप है कि स्थानीय दबंग मुन्ना वर्मा काफी समय से जुआ एवं सट्टा का कारोबार कर रहा है. बताते चलें कि इलाके में जुआ का प्रचलन स्थानीय लोगों के लिए परेशानी का सबब बनता जा रहा है। दिन-दहाड़े जहां-तहां जुआरियों और शराबियों की महफिल जम जाती है। ऐसे में उस रास्ते आने-जाने वालों को अनावश्यक परेशानी झेलनी पड़ती है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि मुन्ना वर्मा जो कि पहले डिप्टी पड़ाव भारत रिक्शा कंपनी के पास सट्टे का छोटा सा व्यापार किया करता था वो अब तलवा मंडी का सट्टा किंग बन गया है। उसके अण्डर में अब 5 से 10 लोग कार्य करते हैं। जिनमें मंजय, मतीउल्लाह, सिल्ली राठौड़, रिन्कू बाजपेई उर्फ सुदामा आदि प्रमुख हैं।
सूत्रों की माने तो सट्टे के कारोबार में गनपत, गिरधारी, मनीष और अंकित केशरवानी के नाम टॉप पर हैं। यह सब अपने अपने अड्डे जमाए हुए हैं। अंकित केशरवानी राखी मंडी में अपना अड्डा जमाए है तथा मनीष और गनपत लक्ष्मी पुरवा में। आरोप है कि मनीष बंदी के समय अवैध दारू और गांजे का काम भी करता है। सूत्रों की माने तो मनीष रायपुरवा थाने का टॉप का मुखबिर भी है।
स्थानीय जनता का आरोप है कि प्रशासन की ओर से इस दिशा में कोई ठोस कार्रवाई नहीं करने से यह परेशानी बढती जा रही है। हाल यह है कि महिलाओं का इन क्षेत्रों से गुजरना भी मुश्किल हो गया है। यहां जुआरियों के मध्य गाली-गलौज, लड़ाई-झगड़े के कारण स्थानीय लोग परेशान हो चुके हैं। आए दिन यहां विवाद की स्थित उत्पन्न होती रहती है और स्थानीय स्तर पर कोई ठोस कार्यवाही नहीं की जाती है। इस महामारी के समय लोग बेरोजगार घूम रहे हैं वहीं ये सटोरिये अपने क्षेत्र में दीमक की तरह लोगों का खून चूस रहे हैं। लक्ष्मीपुरा में कई लोग चोरी छिनैती करने पर उतारू हो चुके हैं और जुआ खेलने के लिये अपने बूढ़े मां बाप को मारपीट कर मकान बेचने का दबाव भी बना रहे हैं। इस मामले से जुड़े कई सारे वीडियो और साक्ष्य हमारे पास सुरक्षित हैं, बहुत जल्द वीडियो न्यूज के माध्यम से हम दिखाएंगे कि और किन-किन लोगों का इस गोरखधंधे में हिस्सा है .
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