कानपुर :- योगी सरकार सत्ता हासिल करने के बाद भले ही आम जनता को घर बैठे अपनी शिकायत का गुणवत्ता पूर्वक निस्तारण करने के लिए जन सुनवाई पोर्टल बना रखा है लेकिन क्या इस पोर्टल में आम जनता की शिकायत का समाधान हो रहा है तो ऐसा कुछ भी नही है आइये ऐसे ही एक मामले से आपको अवगत कराते है जो कानपूर नगर के प्रशासन से लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय के चौखट तक पहुँच चुका है । आज से लगभग डेढ़ वर्ष पूर्व शुभांकर तिवारी को मिल्क आउटलेट कर्मी अमित कुमार व उसका मित्र अरुण कुमार तथा एक महिला द्वारा कूटरचित कॉलोनी के दस्तावेज दिखाकर दो लाख रुपयों की धोखाधड़ी कर के धन हड़प कर गए थे जिसकी जानकारी होने पर एक मुकदमा थाना पनकी में धारा 419 420 467 468 471 323 506 आईपीसी में दर्ज हुआ था लेकिन मुक़दमे के डेढ़ वर्ष बीतने के बाद भी आरोपियों की न तो गिरफ़्तारी करी गयी और न विवेचना का निस्तारण किया गया । पीड़ित के लगातार पत्राचार करने पर पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश पुलिस , मुख्यमंत्री कार्यालय एवं प्रधानमंत्री कार्यालय से आयी जाँच जन सुनवाई पोर्टल में अपलोड कर सम्बंधित थाने में जाँच को प्रेषित की गयी लेकिन गुणवत्ता विहीन निस्तारण आँख्या प्रेषित कर थाना पनकी की पुलिस से प्रधानमंत्री कार्यालय से लेकर उंच्चाधिकारियों तक को गुमराह करने का प्रयास किया है ।
रविवार, 4 अक्टूबर 2020
जन सुनवाई पोर्टल में लीपापोती का खेल जारी#Public Statement
(पब्लिक स्टेटमेंट न्यूज) 04/10/2020 मुख्यमंत्री कार्यालय से आयी जाँच में भी नही किया गया गुणवत्ता पूर्वक निस्तारण ।
जन सुनवाई पोर्टल में लीपापोती का खेल जारी#Public Statement
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