(पब्लिक स्टेटमेंट न्यूज से आकाश सविता की रिपोर्ट )भारतीय सेना में ये नियम सेना में भर्ती होने वाले अधिकारियों के लिए था। अब इसे सैनिक पद पर होने वाली भर्तियों के लिए भी लागू कर दिया गया है। भर्ती होने वाले पुरुष उम्मीदवारों को बड़ी राहत प्रदान की गई है। सैनिक पद पर भर्ती होने वाले पुरुष उम्मीदवारों का वजन अब उनकी लंबाई के अनुपात में तय होगा। अभी तक सेना में सैनिक पद पर भर्ती के लिए पुरुष उम्मीदवारों के न्यूनतम वजन की सीमा 50 किलो और अधिकतम 62 किलो तय थी। अब नए नियम में लंबाई के साथ अधिकतम वजन की सीमा भी बढ़ेगी। सैन्य भर्ती की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों को अब पहले से अधिक तंदरुस्त होना पड़ेगा। उनको अब न्यूनतम 50 किलोग्राम वजन की जगह अपनी लंबाई के अनुपात में वजन के मापदंड में सफल होना पड़ेगा। सेना अब और ठोस और दमदार अभ्यर्थियों के चयन के लिए वजन के मापदंड में बदलाव करने जा रही है। सेना के स्वतंत्र भर्ती बोर्ड दिल्ली ने पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर अपने यहां की भर्तियों में इसकी शुरुआत भी कर दी है। देश के दूसरे सभी भर्ती मुख्यालयों को भी यह नोटिफिकेशन भेजी गई है। दरअसल सेना में अभी तक अलग अलग राज्यो की भौगोलिक परिस्थिति के अनुसार वहाँ के अभ्यर्थियों की लंबाई और वजन तय है।
उत्तर प्रदेश में ही सैनिक जीडी, सैनिक तकनीकी, ट्रेड्समैन, स्टोर कीपर तकनीकी और नर्सिंग सहायक जैसे पदों के लिए भी शारीरिक मापदंड तय किये गए हैं। सैनिक जीडी के पद के लिए ही अभ्यर्थी की न्यूनतम लंबाई 170 सेमी. और वजन 50 किलोग्राम है। हालांकि 62 किलोग्राम से अधिक भार होने पर अभ्यर्थी को अधिक वजनी बताकर अयोग्य घोषित कर दिया जाता था।
अब नए मानकों में अधिकतम वजन की सीमा भी लंबाई के साथ बढ़ेगी। उत्तर प्रदेश जैसे राज्यो में जहां अभ्यर्थियों के लिए न्यूनतम लंबाई 170 सेमी. रखी गई है। उनका न्यूनतम वजन 50 किलोग्राम से बढ़ाकर 52 किलोग्राम रखा गया है। इसमें 17 से 20 साल की आयु वाले अभ्यर्थी का अधिकतम वजन 63.6 किलोग्राम और 20 वर्ष से अधिक आयु वाले अभ्यर्थियों का वजन 66.5 किलोग्राम होगा। लंबाई के हिसाब से वजन तय करने का नियम अब तक सैन्य अफसरों के लिए था। इसके अलावा नौसेना और वायुसेना में भी अन्य रैंक के जवानों की भर्ती के लिए लंबाई के अनुपात में वजन का नियम लागू है।।थलसेना में जवानो और जेसीओ के लिए यह नियम भविष्य में बनने वाले थियेटर कमांड को देखकर लागू किया जा रहा है। जिससे सेना के तीनों अंगों के जवानों के बीच फिटनेस की एकरूपता बनी रहे। इससे पहले भी सेना ने इसी साल एक अप्रैल से सेना भर्ती में अधिक फिट अभ्यर्थियों के लिए मेडिकल के मापदंडों में बदलाव किया था
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