(पब्लिक स्टेटमेंट न्यूज) 09/12/2020 कानपूर।शहर की हवा फिर देश के सबसे प्रदूषित हो गई। अभी तक धूल-धुएं के बारीक कणों से ही खतरा था लेकिन अब नाइट्रोजन डाइऑक्साइड और सल्फर डाइऑक्साइड जैसी जहरीली गैसों की मात्रा भी तेजी से बढ़ने लगी है। अब तक इसे रोकने के लिए किए गए प्रयास बेकार साबित हुए। यही वजह है कि मंगलवार को कानपुर 426 एक्यूआई (एयर क्वॉलिटी इंडेक्स) के साथ देश में शीर्ष स्थान पर रहा।हमेशा दिसंबर और जनवरी में सहसे ज्यादा परेशान करने वाला वायु प्रदूषण इस साल भी उसी ट्रेंड में बना हुआ है। हवा की रफ्तार बेहद धीमी होने से जहरीली गैसों के गुबार यहां से हटने का नाम नहीं ले रहे हैं। ऐसा लगता है जैसे शहर के आसमान पर बादल छा रहे हैं और बारिश होने वाली है। पर सच्चाई यह है कि प्रदूषण से भरे यह गुबार धुंध के रूप में बन जाते हैं और शहरवासियों को सांस लेना दूभर कर देते हैं।एक सप्ताह का ट्रेंड यह रहा है कि रात 11 बजे से धूल-धुएं के कण बढ़ने लगते हैं और यह सिलसिला सुबह 10 बजे तक बना रहता है। थोड़ी धूप निकलने के बाद कुछ राहत होती है लेकिन फिर ग्राफ ऊंचाई की ओर जाने लगता है। पहले से ही श्वांस सम्बंधी बीमारियों से जूझ रहे शहर में पीएम 2.5 का 500 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर तक पहुंचना बेहद खराब है
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