(पब्लिक स्टेटमेंट न्यूज) 15/22-2010 कानपुर। कोविड-19 की महामारी के दौरान आशा कार्यकर्ता संगठन द्वारा बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेने के बाद भी सरकार द्वारा उपेक्षित रहने के कारण मानसिक रूप से टूट गई हैं। कानपुर प्रेसक्लब में वार्ता के दौरान संगठन की अध्यक्ष आभा चतुर्वेदी ने अपने साथियों के साथ व्यक्त की। उन्होंने बताया कि कार्यकर्ताओं को मात्र 2000 रुपये मानदेय दिया जाता है जो उनके खतरनाक कार्य के लिए ऊँट के मुँह में जीरा मात्र है। समाज के लोग इन्हें तिरस्कृत करते रहते हैं, कहते हैं तुम्ही लोग कोरोना फैला रही हो और अपना दरवाज़ा बन्द कर लेते हैं। इस तरह अपमानित होते हुए भी चेहरे पर बिना कोई शिकन लाए अपने कार्य को अंजाम देती रहती हैं।इन्हीं कारणों से संगठन ने सरकार से माँग की है कि उनका मानदेय 15,000 रुपये प्रति माह किया जाय। कार्य के घंटे सुनिश्चित किये जाय। अतिरिक्त कार्य की धनराशि खाते में डाली जाय। मातृत्व अवकाश मानदेय सहित दिया जाय, ड्रेस के रूप में केवल साड़ी ही न देकर पूरी ड्रेस मौसमानुसार वर्ष में दो बार दिया जाय तथा धुलाई भत्ता दिया जाय। कार्य के दौरान सुरक्षा तथा पूरी किट दिया जाय। कार्यकर्ताओ को ट्रेनिंग भी दिया जाय। कार्य क्षेत्र से बाहर ड्यूटी न लगाई जाय। जिला व ब्लॉक स्तर पर सक्षम अधिकारी के साथ नियमित मासिक बैठक करके समस्या का निराकरण किया जाय। सुरक्षा भी प्रदान की जाय। वार्ता में अर्चना मिश्रा, अनिता वर्मा, अंजना शर्मा, उर्मिला दीक्षित, मंजू शर्मा, राधा, और शबाना आदि उपस्थित थीं।
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