इलेक्ट्रॉनिक प्रेस क्लब के सदस्यों ने धरना प्रदर्शन कर जिला अध्यक्ष फिरोज खान ने 5 सूत्रीय मांगो की घोषणा
मृतक की पत्नी को सरकारी नौकरी की मांग, मृतक पत्रकार की जांच आईपीएस अधिकारी से कराई जाए,आंशू यादव के परिवार को उचित मुआवजा दिया जाए, मृतक के ऊपर लगे सभी गंभीर अपराधिक आरोप ना लगाया जाए,
कानपुर।पत्रकारों में अभी पूर्व में हुई कानपुर में शिवम मणि पत्रकार की हत्या का ज़ख्म भरा भी नहीं था कि सरकार पत्रकारों की सुरक्षा के प्रति लापरवाही ने पत्रकारों को एक जख्म और दे दिया गाजियाबाद में खुलेआम गोली मारकर दबंगों ने पत्रकार विक्रम की हत्या कर दी थी लेकिन यह मामला कानपुर का है जहां एक पत्रकार ने सामुहिक रेप और बस स्टॉप में अवैध लोडिंग अनलोडिंग बसों की खबर चलाने के साथ अपराध की सारी खबरों को चलता था आशू यादव, जिसकी दबंगो ने गला दबाकर निर्मम हत्या कर दी।
अब सवाल यह उठता है इस हत्याकांड ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा पत्रकारों के लिए किये जा रहे सुरक्षा के दावो की पोल खोल दी। अपराध ओर भ्रष्टाचार के चोले में लिपटी हुई है उत्तर प्रदेश की पुलिस पत्रकारों को समझती है गुंडा और गुंडों को समझती है अपना संरक्षक खादी और खाकी के गड़जोड से चल रहे है उत्तर प्रदेश में सरकार के काले कारनामे जो भी इनके खिलाफ कलम चलाएगा उस को मौत के घाट उतार दिया जाएगा अभी पूर्व में भी कानपुर में पत्रकार शिवम मणि त्रिपाठी की खुलेआम गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई थी
उन्होंने भी खाकी और खादी के गठजोड़ से सरकारी जमीनों पर चल रहे भू माफियाओं द्वारा अवैध कब्जे के खिलाफ अपनी कलम चलाई थी सरकार लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को खत्म करने के लिए और संविधान को खत्म करने के लिए पत्रकारों को दबंगों द्वारा निशाना बनवा रही है।अब देखना है कि सरकार फिर पुराने ढर्रे पर काम करेगी या कुछ बदलाव लाएगी???????
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