(आकाश सविता की रिपोर्ट) 8/01/21 कानपुर।भारत सरकार के अनुसूचित जाति वर्ग के उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले छात्रों को मिलने वाली छात्रवृत्ति में ऐतिहासिक परिवर्तन किया है कानपुर सर्किट हाउस में पत्रकार वार्ता में आज उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम के अध्यक्ष डॉ लालजी प्रसाद निर्मल ने कहा कि इसका लाभ यह होगा कि उच्च शिक्षा में धन के अभाव में ड्रॉप आउट होने वाले छात्र-छात्राओं को शिक्षा के क्षेत्र में फिर से लाया जा सकेगा। इस हेतु केंद्र सरकार ने 59,048 करोड़ रुपए के निवेश की स्वीकृति प्रदान की है जिसमें केंद्र सरकार 35,534, करोड़ रुपए अट ठाट 60% खर्च करेगी और करीब साढे आठ हजार करोड़ रुपए अर्थात 40% राज्य सरकार खर्च करेगी यह योजना प्रतिबद्ध देयता प्रणाली को प्रस्थापित करेगी ।इस योजना में डीबीटी के माध्यम से राशि सीधे छात्रों के खाते में डाली जाएगी इस हेतु राज्य सरकार से छात्रों की सूची और खाता संख्या प्राप्त की जाएगी।।उन्होंने कहा कि केंद्र सहायता जो वर्ष 17-18 से वर्ष 19-20 के दौरान लगभग 11 सौ करोड़ रुपए प्रति वर्ष थी, उसे वर्ष 20-21 से 25-26 के दौरान 5 गुना से अधिक बढ़ाकर लगभग 6 करोड रुपए प्रति वर्ष किया जाएगा राज्य सरकार में बड़ी संख्या में अनुसूचित जाति के छात्रों को लाभ पहुंचाने के लिए इस कार्य नीति को कार्यान्वित करने में महत्वपूर्ण भागीदार होंगे।
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें