(पब्लिक स्टेटमेंट न्यूज) 19 जनवरी 2021 कानपुर।उत्तर प्रदेश खाद्य पदार्थ उद्योग व्यापार मंडल के तत्वाधान में प्रदेश अध्यक्ष ज्ञानेश मिश्र के नेतृत्व में गल्ला व सब्ज़ी मंडी के अढतियों,व्यापारियों और मंडी के बाहर के व्यापारियों ने कृषि बिलो का पूर्णतया समर्थन व स्वागत करते हुए कृषि कानूनों में एक संशोधन मंडियो के अंदर भी मंडी शुल्क समाप्त करके मेंटिनेंस चार्ज या 0 .25 प्रतिशत मंडी शुल्क लागू करने व अन्य सुझावों को लेकर दिल्ली में किसानों की केंद्र सरकार से वार्ता के दौरान के समय ही राज्य कृषि उत्पादन मंडी परिषद उ प्र के उप निदेशक प्रशासन के नौबस्ता मंडी परिसर में स्थित कार्यालय के बाहर घन्टा घड़ियाल व झींगा बजाकर प्रदर्शन किया और केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को संबोधित कृषि कानूनों के पूर्णतया समर्थन व सुझावों के दो अलग अलग ज्ञापन मंडी सचिव सुभाष सिंह को सौंपा।इस दोनों ज्ञापन की प्रतिलिपि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी संबोधित थी।मंडी के अंदर व बाहर गल्ला ,दलहन दालें ,तिलहन तेल ,सब्ज़ी व फल आदि की आढ़त व व्यापार करने वाले व्यापारी भारी संख्या में राज्य कृषि मंडी परिषद उ प्र के कार्यालय पर एकत्र हुए और वही पर बैठकर कृषि बिलो के समर्थन में इन कानूनो को वापस न लेने की मांग और इन कृषि कानूनो में एक संशोधन के लिए मंडियो में मंडी शुल्क समाप्त करके मेंटिनेंस चार्ज या 0.25 प्रतिशत मंडी शुल्क की मांग को लेकर नारे लगाने लगे । हाथों में ” हम सभी कृषि कानूनो का पूर्णतया समर्थन करते है “,” एक संशोधन -मंडियो के अंदर मंडी शुल्क समाप्त करके मेंटिनेंस चार्ज या 0 .25 प्रतिशत मंडी शुल्क लागू हो ” नारे लिखी तख्तियां लिए हुए थे और ” कृषि कानून लागू रहे -लागू रहे “, ” एक समाधान मंडियो में मंडी शुल्क समाप्त हो -समाप्त हो” आदि नारे लगा रहे थे।प्रदर्शन के दौरान प्रदेश अध्यक्ष ज्ञानेश मिश्र ने अपने सम्बोधन में कहा कि हम भारत सरकार द्वारा पूरे देश मे दिनांक 5 जून 2020 को ” कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्द्धन एवं सुविधा) 2020″सहित तीनो कृषि कानूनो के लागू होने का स्वागत व पूर्णतया समर्थन करते है।इन कृषि कानूनो के 5 जून को आने व 6 जून 2020 से उत्तर प्रदेश में लागू होने के उपरांत उत्तर प्रदेश में गल्ला मंडियों व सब्ज़ी मंडियों के बाहर कृषि उत्पाद की खरीद बिक्री होने पर मंडी शुल्क समाप्त हो गया और साथ मे मंडी समितियों के कई कागजातों की लंबी प्रक्रिया भी समाप्त हो गई। यहां तक कि मंडियों के बाहर कृषि उत्पादों की खरीद बिक्री के लिए किसी भी तरह के लाइसेंस की ज़रूरत भी समाप्त हो गई जिसका मंडी के बाहर व्यापार करने वाले गल्ला आदि खाद्य पदार्थ के व्यापारियों सहित किसानों को भी लाभ मिल रहा है।इसी तरह दूसरे कृषि बिल के कानून में देश मे एक बहुत पुराना कानून आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 व इसकी धारा 3/7 की वजह से गल्ला आदि व मंडियो के अंदर व बाहर के व्यापारियों को स्टॉक रखने की आज़ादी नही थी इसे समाप्त करने की मांग भी पूरे देश के व्यापारी व हमारा संग़ठन भी कई वर्षों से कर रहा था क्योकि सन1955 से अब तक खाद्यान्न की पैदावार में भारी बढोत्तरी के साथ दुनिया मे अंतरराष्ट्रीय व्यापार के बहुत आसान होने की वजह से इस आवश्यक वस्तु अधिनियम की की ज़रूरत नही रह गई थी इसीलिए इन कृषि बिलो में से एक मे आवश्यक वस्तु अधिनियम को भी समाप्त कर दिया गया है।इन कृषि कानूनो का हमारा संग़ठन पूर्णतया स्वागत करता है।
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