(पब्लिक न्यूज से आकाश सविता की रिपोर्ट) 20 मार्च 2021 दिल्ली सरकार और केंद्र के बीच तकरार बढ़ती जा रही है। दिल्ली सरकार का आरोप है कि केंद्र ने उनकी घर घर राशन डिलीवरी की योजना पर रोक लगा दी है। वहीं केंद्रीय खाद्य मंत्रालय ने दिल्ली सरकार को सूचित किया है कि वह इस योजना के लिए राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के तहत केंद्र से प्राप्त अत्यधिक सब्सिडी वाले खाद्यान्न का उपयोग नहीं कर सकता है। हालांकि, केंद्र ने कहा है कि अगर आप सरकार एक अलग योजना शुरू करे तो उसे कोई आपत्ति नहीं होगी।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पूरे मामले पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा कि लोगों की समस्याों को देखते हुए घर घर राशन योजना लाई गई थी। 25 तारीख को इसे लागू होना था। कल दोपहर में केंद्र सरकार से हमारे पास एक चिट्ठी आई है कि ये राशन योजना आप लागू नहीं कर सकते। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र की तरफ से आई चिट्ठी में लिखा गया है कि योजना का नाम मुख्यमंत्री घर घर राशन योजना नहीं रखा जा सकता। उन्हें शायद मुख्यमंत्री शब्द से आपत्ति है। केजरीवाल ने कहा कि हम ये कोई अपना नाम करने के लिए नहीं कर रहे। चिट्ठी में ये लिखा है कि लोगों को लगेगा कि ये राज्य सरकार की योजना है। केजरीवाल ने कहा कि हम ये क्रेडिट के लिए नहीं कर रहे हैं। कोरोना के कार्यकाल में भी हमने कहा था कि दिल्ली के अंदर आम आदमी पार्टी सरकार किसी क्रेडिट के लिए काम नहीं कर रही। क्रेडिट सारा उनका, काम सारा हमारा। हम इसी प्रिसिंपल से काम करते हैं। केजरीवाल ने कहा कि हमने मीटिंग की और कहा कि इस योजना का नाम हटा दो और इसका कोई नाम नहीं है। जैसे पहले केंद्र से राशन आता था वो दुकानों के जरिये बंटता था अब ये राशन घर-घर पहुंचाया था। मैं सोचता हूं कि इस निर्णय के बाद केंद्र सरकार की आपत्तियां दूर हो गई होंगी और इसे अब लागू करने की हमें मंजूरी मिल जाएगी।
नेशनल फूड सिक्योरिटी एक्ट के तहत केंद्र सरकार के द्वारा राज्यों को राशन उपलब्ध कराया जाता है। इसे कोई भी राज्य सरकार किसी अन्य नाम से लागू नहीं कर सकती है। अगर नाम में बदलाव करना है तो उसे संसद से ही किया जा सकता है। इस तरह अगर हर राज्य सरकार संसद के पास योजना के नाम में बदलाव करती रहेगी तो लोगों में कन्फ्यूजन हो जाएगा।
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