मृतकों में से 11 की पहचान हो गयी है जो झारखंड के निवासी थे। इसके अलावा, घटना में घायल हुए लोगों का उपचार किया जा रहा है। इनमें से पांच घायल जोशीमठ सेना अस्पताल में भर्ती हैं जबकि दो अन्य को देहरादून भेजा गया है। मलारी गांव से करीब 25 किलोमीटर दूर सुमना, धौलीगंगा नदी से निकलने वाली दो धाराओं, गिरथीगाड और किओगाठ के संगम पर स्थित है और हिमस्खलन के समय मौके पर सीमा सड़क संगठन का निर्माण कार्य चल रहा था जहां मजदूर काम कर रहे थे। चमोली की जिलाधिकारी स्वाति भदौरिया ने कहा कि 384 लोगसुरक्षित निकाले जा चुके हैं।
लापता लोगों के बारे में उन्होंने कहा कि सीमा सड़क संगठन के अधिकारियों से इस बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। उन्होंने बताया कि जल्द ही घटना के प्रभावितों को सहायता राशि उपलब्ध करा दी जाएगी। मौके पर भारत-तिब्बत सीमा पुलिस, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल, राज्य आपदा प्रतिवादन बल, जिला प्रशासन और सीमा सड़क संगठन की संयुक्त टीम द्वारा तलाश एवं बचाव अभियान चलाया जा रहा है। इसके साथ ही सड़क से बर्फ हटाकर मार्ग खोलने के लिए भी युद्धस्तर पर काम किया जा रहा है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें