उन्होंने कहा, ‘‘चुनाव एक संवैधानिक दायित्व है जिसे चुनाव आयोग द्वारा निभाया जाता है। हम चुनाव आयोग द्वारा दिए गए सभी दिशानिर्देशों का पालन करेंगे। बिहार में भी, कोविड-19 के बीच चुनाव आगे बढ़े थे। चुनाव की प्रक्रिया तय करने का एकमात्र प्राधिकार चुनाव आयोग है।’’ उन्होंने साथ ही इस बात पर भी जोर दिया कि कोविड-19 का मुकाबला करने में राज्यों की जरूरतों को पूरा करने में केंद्र द्वारा कोई भेदभाव नहीं किया जा रहा है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने हाल ही में आरोप लगाया था कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली का ऑक्सीजन का कोटा दूसरे राज्यों में भेज दिया गया। प्रसाद ने राज्य में कथित भ्रष्टाचार को लेकर भी बनर्जी पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा, ‘‘पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी सरकार कुशासन, भ्रष्टाचार और तुष्टिकरण की प्रतीक है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ममता जी प्रत्येक बीतते दिन के साथ अधिक हताश हो रही हैं। आदर्श आचार संहिता लागू होने के दिन से, किसी भी मुख्यमंत्री ने केंद्रीय बलों का घेराव करने के लिए नहीं कहा। सुरक्षा बल स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए चुनाव आयोग के प्राधिकार का प्रतिनिधित्व करते हैं। केंद्रीय बलों के खिलाफ उनका उकसावे वाला बयान उनकी हताशा दर्शाता है।’’
उन्होंने दावा किया कि लैंगिक न्याय और महिला सशक्तिकरण सुनिश्चित करने में टीएमसी सरकार का रिकॉर्ड निराशाजनक है। उन्होंने कहा, ‘‘शासन और विकास पर ममता बनर्जी सरकार का ध्यान केंद्रित नहीं है। यहां तक कि लैंगिक न्याय के मुद्दों पर भी उनका रिकॉर्ड निराशाजनक है। हमने पश्चिम बंगाल के लिए 123 त्वरित सुनवायी अदालतों को मंजूरी दी थी, लेकिन राज्य सरकार द्वारा अभी मंजूरी देना बाकी है। यह टीएमसी सरकार की मानसिकता को दर्शाता है।’’ उन्होंने कहा कि भाजपा पश्चिम बंगाल को सूचना प्रौद्योगिकी का केंद्र बनाना चाहती है और स्टार्टअप पहलों को मजबूत करना चाहती है। प्रसाद ने कहा कि सत्ता में आने पर पार्टी की हर उप-मंडल में कॉल सेंटर स्थापित करने की योजना है।
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