बयान में कहा गया है कि ऑक्सीजन की अत्यधिक जरूरत को देखते हुए कामराजार पोर्ट लि. सहित सभी बंदरगाहों से कहा गया है कि वे प्रमुख बंदरगाह न्यास द्वारा लगाए जाने वाले सभी शुल्क हटा दें। इनमें जहाज से संबंधित शुल्क और भंडारण शुल्क भी शामिल हैं। बंदरगाहों के प्रमुखों से कहा गया है कि वे व्यक्तिगत रूप से लॉजिस्टिक्स परिचालन की निगरानी करें, जिससे इनकी आवाजाही में दिक्कत नहीं आए। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा, ‘‘हम कोविड की दूसरी लहर की वजह से आपात स्थिति से जूझ रहे हैं। सभी प्रमुख बंदरगाह इस निर्देश को आज से लागू कर रहे हैं।’’ बयान में कहा गया है कि यदि किसी जहाज पर ऑक्सीजन से संबंधित समान के अलावा अन्य कॉर्गो भी है, तो उसे भी आनुपातिक आधार पर शुल्कों में छूट दी जाएगी।
बंदरगाह मंत्रालय इस तरह के जहाजों, कॉर्गो की निगरानी करेगा और यह देखेगा कि बंदरगाह में जहाज के प्रवेश के बाद बंदरगाह के गेट तक कार्गो पहुंचाने में कितना समय लगा। सरकार ने शनिवार को कोविड टीके के साथ मेडिकल ग्रेड ऑक्सीजन और संबंधित उपकरणों के आयात पर सीमा शुल्क समाप्त करने की घोषणा की थी। भारत इस समय कोविड महामारी की दूसरी लहर से जूझ रहा है और पिछले कुछ दिन के दौरान संक्रमण के तीन लाख से अधिक नए मामले रोजाना आ रहे है। विभिन्न राज्यों के अस्पतालों में मेडिकल ऑक्सीजन और बिस्तरों की कमी हो गई है।
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