चीनी प्रोडक्ट खरीदने वालों में से 60 प्रतिशत ने कहा कि उन्होंने केवल एक या दो आइटम खरीदे, 14 प्रतिशत ने कहा कि उन्होंने तीन या चार प्रोडक्ट खरीदे, 7 प्रतिशत ने कहा कि उन्होंने पांच से दस प्रोडक्ट की खरीदारी की। यह पूछे जाने पर कि उन्होंने पिछले साल में 'मेड इन चाइना' प्रोडक्ट क्यों खरीदे, तो कुल 70 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उन्होंने ऐसा इसलिए किया क्योंकि उन्हें लगा कि चाइनीज प्रोडक्ट का मूल्य बढ़ सकता है।
नवंबर 2020 में त्योहारी सीजन के दौरान किए गए लोकल सर्किल सर्वेक्षण में पाया गया कि 71 प्रतिशत भारतीय उपभोक्ताओं ने चीनी-निर्मित उत्पादों की खरीदारी नहीं की। आपको बता दें कि लद्दाख में गलवान घाटी में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच भिड़ंत को एक साल हो गया है, जिसके बाद नरेंद्र मोदी सरकार ने कई 'मेड इन चाइना' उत्पादों के आयात को प्रतिबंधित कर दिया और एक आत्मनिर्भर भारत को प्रोत्साहित किया। इसके साथ ही भारत ने 100 से अधिक चीनी निर्मित ऐप्स पर प्रतिबंध भी लगा दिया।
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