उन्होंने जलगांव में पत्रकारों से यह बात कही। उन्होंने कहा कि शिवसेना का हमेशा से मानना रहा है कि प्रधानमंत्री पूरे देश के होते हैं, किसी एक पार्टी के नहीं। राउत ने कहा, लिहाजा, प्रधानमंत्री को चुनाव अभियान में शामिल नहीं होना चाहिये क्योंकि इससे आधिकारिक मशीनरी पर दबाव पड़ता है। हाल ही में महाराष्ट्र भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने कहा था कि अगर मोदी चाहें तो उनकी पार्टी बाघ (शिवसेना का चुनाव चिन्ह) से दोस्ती कर सकती है।
इस पर राउत ने कहा, बाघ के साथ कोई दोस्ती नहीं कर सकता। बाघ ही तय करता है कि उसे किसके साथ दोस्ती करनी है। उत्तर महाराष्ट्र के दौरे के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि यह संगठन को मजबूत करने के शिवसेना के प्रयासों का हिस्सा है। राउत ने कहा, महा विकास आघाड़ी में शामिल सभी दलों को अपना आधार बढ़ाने और पार्टियों को मजबूत करने का अधिकार है। यह वक्त की जरूरत भी है। हम एक-दूसरे के साथ समन्वय को मजबूत करने के लिये बैठकें भी कर रहे हैं।
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