चौ.चरण सिंह विश्वविद्यालय को पहले मेरठ विश्व विद्यालय के नाम से जाना जाता था। इसकी शुरुआत साकेत स्थित गोल मार्केट में कोठी नंबर 65 से हुई। इसकी स्थापना के वक्त गोल मार्केट में एक कोठी किराए पर ली गई थी पहले कुलपति सीधे यूएसए से आए थे उनका नाम था आरके सिंह 1968- 69 में गोल मार्केट से विश्वविद्यालय नौचंदी ग्राउंड में पहुंचा यहां पर भी विश्वविद्यालय करीब 2 वर्ष तक किराए पर चला तत्पश्चात गढ़ रोड पर 1971 में इलाहाबाद बैंक के पास पार्क की जमीन पर विश्वविद्यालय का भूमि पूजन हुआ। वर्ष 1994 में मेरठ विवि का नाम पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के नाम पर हो गया। चमचमाते चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय की शुरुआत ऐसे ही नहीं हुई थी। बेहद मुश्किल परिस्थितियों में विवि शुरू हुआ था। 56 साल पहले 222 एकड़ में फैले विवि की पहली कक्षा टेंट-बल्ली लगाकर चलाई गई थी। आज अपने सीसीएसयू की गिनती प्रदेश के टॉव विवि में होती है। डिग्री-मार्कशीट, प्रोविजनल सर्टिफिकेट, माईग्रेशन तक ऑनलाइन हो गए हैं। नेट-गेट में सबसे ज्यादा होनहार हर साल सीसीएसयू से निकल रहे हैं। पढ़ाई के साथ ही पर्यावरण संरक्षण में भी विवि अहम भूमिका निभा रहा है।
56 वे स्थापना दिवस के उपलक्ष में गुरुवार को सुबह विधि विधान से हवन किया गया उसके पश्चात विश्वविद्यालय में 50 से अधिक आम नींद बरगद आदि के पौधे लगाए गए उसके पश्चात विश्वविद्यालय मैं लगी महापुरुषों की मूर्ति पर माल्यार्पण किया गया इस दौरान चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेशन नरेंद्र कुमार तनेजा ने कहा कि यह हमारे लिए गर्व की बात है कि हम चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के हिस्सा है उनके बताए हुए रास्ते इमानदारी से अपने काम को पूरा करना यही हमारा काम है। पौधारोपण के दौरान मेरठ हापुर लोकसभा के सांसद राजेंद्र अग्रवाल भी मौजूद रहे इस दौरान कुलसचिव धीरेंद्र कुमार वर्मा, वित्त अधिकारी सुशील कुमार गुप्ता कुलानुशासक प्रोफेसर वीरपाल सिंह छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रोफेसर भूपेंद्र सिंह प्रोफेसर जितेंद्र ढाका प्रोफेसर एसएस गौरव प्रवक्ता मितेन्द्र कुमार गुप्ता इंजीनियर मनीष मिश्रा विकास त्यागी आदि मौजूद रहे।
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