उसके बाद आईबीए संपत्ति पुनर्गठन कंपनी के लिए लाइसेंस को रिजर्व बैंक के पास आवेदन करेगा। रिजर्व बैंक ने 2017 में पूंजी की अनिवार्यता को दो करोड़ रुपये से बढ़ाकर 100 करोड़ रुपये कर दिया था। केंद्रीय बैंक का मानना है कि डूबे कर्ज को खरीदने के लिए कहीं अधिक राशि की जरूरत होती है। कानूनी सलाहकार एजेडबी एंड पार्टनर्स की सेवाएं विभिन्न नियामकीय मंजूरियां हासिल करने के लिए ली गई हैं। साथ ही यह अन्य कानूनी औपचारिकताओं को भी पूरा करेगी। सूत्रों ने कहा कि इसके लिए शुरुआती पूंजी आठ बैंक डालेंगे। इन बैंकों ने इसके लिए प्रतिबद्धता जताई है। रिजर्व बैंक की मंजूरी के बाद एनएआरसीएल अपनी पूंजी का आधार बढ़ाकर 6,000 करोड़ रुपये करेगी।
सूत्रों ने बताया कि रिजर्व बैंक की मंजूरी के बाद अन्य इक्विटी भागीदार इससे जुड़ेंगे। यहां तक कि इसके निदेशक मंडल का भी विस्तार किया जाएगा। आईबीए को बैड बैंक के गठन की जिम्मेदारी दी गई है। एनएआरसीएल का शुरुआती बोर्ड का गठन हो चुका है। कंपनी ने भारतीय स्टेट बैंक के दबाव संपत्ति विशेषज्ञ पी एम नायर को प्रबंध निदेशक के रूप में नियुक्त किया है। बोर्ड के अन्य निदेशकों में आईबीए के मुख्य कार्यपालक सुनील मेहता, एसबीआई के उप प्रबंध निदेशक एस एस नायर और केनरा बैंक के मुख्य महाप्रबंधक अजित कृष्ण नायर शामिल हैं।
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