मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जिले में वैक्सीन की डोज और स्लॉट न मिलने की वजह से लोगों को काफी परेशानी से जूझना पड़ रहा है। इतना ही नहीं उत्तर प्रदेश सरकार में स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने बताया कि कोरोना वैक्सीन की सप्लाई में हो रही देरी की वजह से हम उतनी तेज़ी से वैक्सीनेशन नहीं कर पा रहे हैं जितनी हमारी क्षमता है। ऐसे में वह केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से मुलाकात कर सप्लाई में हो रही देरी की समस्या का समाधान निकालने का प्रयास करेंगे।
देश की बड़ी आबादी तो अभी कोरोना वैक्सीन की पहली डोज लगावाने के लिए संघर्ष कर रही है। ऊपर से कंपनियों ने कोरोना सर्टिफिकेट लाने के लिए कहा है। ऐसे में लोगों की नौकरियों पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। महज नोएडा की बात करें तो जिले के 40 सरकारी सेंटरों पर रोजाना 7 से 8 हजार लोगों को ही वैक्सीन लग पा रही है। हालांकि प्राइवेट अस्पतालों के पास वैक्सीन और स्लॉट दोनों उपलब्ध है लेकिन वैक्सीनेशन के लिए वहां पर फीस अदा करनी पड़ती है। ऐसे में लोग जाने से कतराते हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जिले में इन दिनों 8 से 10 हजार लोगों को रोजाना वैक्सीन की दूसरी डोज लगाए जाने की आवश्यकता है लेकिन 3 से 4 हजार लोगों को ही वैक्सीन लग पाती है। हालांकि पहली डोज लगवाने वालों को तो और भी ज्यादा परेशानियां का सामना करना पड़ रहा है। बिना रजिस्ट्रेशन के वैक्सीन लगवाई जा सकती है लेकिन डोज की कमी होने की वजह से स्लॉट वाले लोगों को ही बमुश्किल वैक्सीन लग पा रही है।
जिले में 90 सेंटरों के साथ वैक्सीनेशन अभियान की शुरुआत हुई थी। लेकिन अब इस आंकड़े में गिरावट दर्ज की गई है। बता दें कि जिल में 90 सेंटरों में से अब मात्र 40 सेंटरों में ही वैक्सीन लगाई जाती है। बाकी के सेंटर बंद हो चुके हैं। इसके अलावा जब वैक्सीनेशन अभियान की शुरुआत हुई थी उस वक्त दावा किया गया था कि 15 अगस्त तक सभी को वैक्सीन लग जाएगी।
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